|| तिरंगा ||
हे तिरंगा अब तू मेरा यार हो गया
आजादी के अमृत बरस में प्यार हो गया ।
हिमालय से समुद्र , धरा से अंतरिक्ष तक
हर घर में फहरते तेरा दीदार हो गया ।
दिल तेरा जान तेरी सांसे ये तुम्हारी है
रग रग में तेरे प्रीत का संचार हो गया ।
चूमती हवा तुझे ऊंचे गगन की गलियों में
दिल परिंदों का भी दिलदार हो गया ।
देखे तुझे फहरते सारे जहां मैं जब भी
इंच इंच छाती का विस्तार हो गया ।
वीरों ने हंसते-हंसते जान कुर्बान कर दिए
लहू का कतरा कतरा तेरे नाम हो गया ।
झुकेगा ना कभी , ना कभी हम झुकने देंगे
दसों दिशाओं में तेरा जयगान हो गया ।
अरमान बन गए हो भारत के हर घरों का
आन बान , मान और सम्मान हो गया ।
श्रीकांत सिंह , गोरखपुर , यूपी।
जय हिंद सर ! अति सुन्दर।
जवाब देंहटाएंहर घर तिरंगा ; घर घर तिरंगा ; हर हर तिरंगा 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
जय हिंद श्रीकांत जी।
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